globalisation ने लोगों को करीब लाया है।
देश और दुनिया की दूरी मिटाई है।
जानकारी को सभी के लिए खोला है और बेहतरी के मौके बनाये है।
सच में!
पर जान तो ऐसा पड़ता हैं की globalisation ने बाज़ारों को मिलाया है
consumers, और consumers बनाये है।
हर एक विचार और सोच का बाज़ारीकरण किया है।
सशक्त और आज़ाद होने के लिए, नौकरी पाने के लिए,
सपने पूरे करने के लिए 'फेयर एंड लवली' क्रीम का विज्ञापन किया है।
छोटे देशों को भी ताकतवर होने का लॉलीपॉप दिखाया है।
एक और साजिश रची है धौंस ज़माने की।
देश दुनिया को बड़ा बाज़ार बना इंसानियत का मज़ाक उड़ाया है।