June 22, 2012


सपने तो बस अपने होते है

सपने देखने कभी न छुटे

सपने के कई रंग, खुशबू, लिबास होते है
सपने थोड़ी किसी कि जागीर होते है

सपने तो बस अपने होते है
सपने क्या कभी पूरे होते है

पर अब मौसम बदल रहा है
सपने भी अपने लिबास, महक और रंग छोड़ रहा है

सपने देखने का लाईसेन्से होगा
सपने देखने का कोर्स होगा
सपने देखने की इजाज्ज़त लेनी होगी
सपने पर अब सेन्सर्शिप होगी

सपने देखने पर फी होगी
सपने पर भी टैक्स की मार होगी
सपने के घोटाले होंगे
सपने शेयर बाज़ार की दुकानों में होंगे

सपने भी चुनाव में होंगे
सपने के भी रंग और झंडे होंगे
सपने के भी समझौते होंगे
सपने हर दाव-पेच में आगे होंगे

सपने पर कई लेख होंगे
सपने फ़िल्मी परदे पर होंगे
सपने स्पर्धा की होड़ में होंगे
सपने अब जज के दिए नंबर होंगे

सपने इश्तेहारों में होंगे
सपने टी.वी के सोअप ऑपेरा होंगे
सपने भी टी.आर.पी. रटिंग की कसौटी पर होगे 
सपने अब तो बाजारों में होंगे

सपने अब न अपने होंगे