December 27, 2012

जवाब तो देना होगा

इस दौड़ में होने का
अपनों को पीछे छोड़ने का

जवाब तो देना होगा

खुले माहौल के सिकुड़ने का
आपस के विश्वास खोने का

जवाब तो देना होगा

सब कुछ को जागीर समझने का
अपने आप में बेखुद खोने का

जवाब तो देना होगा

इन बदलते हालात का
इस भीड़ बनते इंसान का

जवाब तो देना होगा

December 20, 2012



एक कार्यशाला
पांच दिन
तेईस लोग
अठरा महिलाएं

नयी पहचान
पुराने सवाल
वही संघर्ष
साथ साथ

हसना गाना
रोना छेड़ना
दिल के दर्द
ज़िन्दगी के पल

हार न मानना
जिंदा रहना
उमंग उम्मीद
से कदम बढ़ाना

रास्ता निकलना
थक न जाना
लड़ते रहना
हार न कहना

जीने की इच्छा
खुद पर विश्वास
क्या कहना क्या कहना
सलाम बहना सलाम बहना