October 27, 2012

डर लगता है

खुली आंख का
मुंदी आंख का

घर का
बाज़ार का

अपनों का
परायों का

दोस्तों का
दुश्मनों का

दिन का
रात का

हसने का
रोने का

ख़ुशी का
दुःख का

अकेले होने का
किसी के साथ होने का

सुनने का
देखने का

यादों का
सपनो का

चुनने का
चुने जाने

वादों का
इरादों का

समझने का
अनजान रहने का

चुप रहने का
कुछ कहने का

ख़रीदे जाने का
बीक जाने का

वजूद होने का
वजूद खोने का


डर लगता है

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