November 24, 2012

कुछ लोग बाज़ नहीं आते

हर बार अलग निकल जाते
कुछ करने को चाहते

कुछ लोग बाज़ नहीं आते

नए सपने बुनते
भूले रास्ते ढूँढ़ते

कुछ लोग बिलकुल बाज़ नहीं आते

मुश्किल सवाल पूछते
नए अर्थ तलाशते

कुछ लोग बाज़ नहीं आते

बना बनाया छोड़ते
नियमो को तोड़ते

सच में कुछ लोग बाज़ नहीं आते

दुनिया की नज़रों में
दीवाने कहलाते

फिर भी कुछ लोग बाज़ नहीं आते

घर परिवार समाज उमीदे
इन सब से दूर निकल जाते

कुछ लोग कभी बाज़ नहीं आते

हर दम मन की करने
की हिम्मत कैसे जुटा पाते

कुछ लोग बाज़ नहीं आते

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